उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। एक 22 वर्षीय मूक-बधिर युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया। इस घटना से पहले का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इसमें युवती सुनसान सड़क पर भागती हुई दिख रही है और बदमाश उसे बाइक से पीछा करते हुए नज़र आ रहे हैं। यह फुटेज भी पुलिस अधीक्षक के आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरे का है। यानी इतनी सुरक्षित जगह पर बदमाशों ने इस तरह की हैवानियत वाली घटना को अंजाम दे दिया। इसको लेकर यूपी की क़ानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

यह घटना 11 अगस्त की रात को देहात कोतवाली क्षेत्र के बहादुरपुर में हुई और इसका खुलासा तब हुआ जब सीसीटीवी फुटेज में पीड़िता को सुनसान सड़क पर आरोपियों द्वारा पीछा करते हुए देखा गया। इस फुटेज के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
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पुलिस के अनुसार 11 अगस्त की रात करीब 8 बजे पीड़िता अपने ननिहाल से पैदल अपने घर लौट रही थी। उसका ननिहाल सिर्फ़ एक किलोमीटर की दूरी पर है। इसी दौरान एक युवक ने उसे अपनी बाइक पर बैठने के लिए मजबूर किया और उसे एक सुनसान जगह पर ले गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया। पीड़िता के परिवार का दावा है कि यह सामूहिक दुष्कर्म था, जिसमें कई लोग शामिल थे। 

सोशल मीडिया पर वायरल सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर देखा गया कि युवती सुनसान सड़क पर अपनी जान बचाने के लिए भाग रही थी, जबकि तीन से चार बाइक सवार उसका पीछा कर रहे थे। यह फुटेज पुलिस अधीक्षक के आवास के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ, जो उस क्षेत्र में टॉप अधिकारियों के आवासों के करीब है। जब पीड़िता रात तक घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। आखिरकार, उसे देहात कोतवाली के पास एक पुलिस चौकी के निकट झाड़ियों में बेहोश अवस्था में पाया गया, जहां उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे। परिजनों ने उसे तुरंत जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सीय जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पीड़िता की हालत अब स्थिर बताई जा रही है, लेकिन वह इस घटना से गहरे सदमे में है।
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क्या हुई पुलिस कार्रवाई 

बलरामपुर पुलिस ने इस मामले में मंगलवार देर रात दो आरोपियों- अंकुर वर्मा (21) और हर्षित पांडे (22) को एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी नेपाल की ओर भागने की कोशिश कर रहे थे, जब देहात कोतवाली क्षेत्र में उनकी पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस पर गोलीबारी की। इसके जवाब में पुलिस की गोली से दोनों घायल हो गए। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया और उनका इलाज चल रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है और मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों को बुलाया गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस घटना में और कितने लोग शामिल हो सकते हैं। सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है, ताकि सभी आरोपियों की पहचान की जा सके।

परिवार का आरोप

पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जिस पुलिस चौकी के पास पीड़िता को बेहोश पाया गया, वहाँ लगे सीसीटीवी कैमरे खराब थे और इस कारण घटना का सटीक विवरण रिकॉर्ड नहीं हो सका। परिवार ने यह भी बताया कि यह घटना उस क्षेत्र में हुई, जहां जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक और जजों जैसे उच्च अधिकारियों के आवास स्थित हैं, फिर भी अपराधी इतने बेखौफ थे कि उन्होंने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया।
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पुलिस के ख़िलाफ़ लोगों में गु़स्सा

इस घटना ने स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पैदा किया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए सीसीटीवी फुटेज ने लोगों का गुस्सा और बढ़ा दिया है। कई लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि इतने सुरक्षित माने जाने वाले क्षेत्र में इस तरह की घटना कैसे हो सकती है। स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

यह घटना उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करती है। ख़ासकर मूक-बधिर जैसी असहाय स्थिति में एक युवती के साथ इस तरह का जघन्य अपराध समाज के लिए एक चेतावनी है। पुलिस ने भले ही दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन इस मामले में पूर्ण न्याय और अन्य संभावित आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। समाज और प्रशासन को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और हर महिला को सुरक्षित माहौल मिले।