हाथरस के रतिभानपुर गांव में 2 जुलाई को एक सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। 3 जुलाई को यूपी के मुख्यमंत्री मौके पर पहुंचे और उन्होंने एक एसआईटी को इस मामले की जांच सौंप दी। इसके अलावा अलग से भी एक न्यायिक जांच कमेटी बनाने और घटना के पीछे साजिश का पता लगाने की घोषणा की थी। एसआईटी में अतिरिक्त डीजी (आगरा जोन) अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी. थे। एसआईटी ने 8 जुलाई की देर रात योगी सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट एक तरह से आंखों में धूल झोंकने वाली है, क्योंकि इसमें भोले बाबा की गतिविधियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार मानने की कोई बात नहीं कही गई है। अलबत्ता किसी साजिश का भी जिक्र इसमें नहीं है, जैसा कि भोले बाबा का वकील इसमें साजिश बता रहा है। योगी ने भी साजिश का पता लगाने की बात कही थी।