loader

नोएडा: स्मार्टफ़ोन में आरोग्य सेतु ऐप नहीं तो 1000 रुपये का जुर्माना या 6 माह जेल

यदि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घर के बाहर आप पकड़े जाते हैं और आपके फ़ोन में आरोग्य सेतु ऐप नहीं है तो यह दंडनीय अपराध माना जाएगा। इसके लिए जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर जेल भी हो सकती है। इस ऐप को किसी क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति और संक्रमित लोगों को ट्रैक करने के लिए बनाया गया है। यह नियम नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रहने वालों पर तो लागू होगा ही, साथ ही बाहर से आने वाले लोगों पर भी यह नियम लागू होगा। नोएडा प्रशासन ने यह ताज़ा आदेश निकाला है। 

नोएडा प्रशासन का यह ताज़ा आदेश केंद्र सरकार के आदेश के ख़िलाफ़ है। हाल ही में केंद्र सरकार ने इस ऐप को देश भर में सिर्फ़ सभी निजी और सरकारी कर्मचारियों के लिए ज़रूरी बनाया है। आदेश में कहा गया है कि अगर किसी निजी कंपनी के कर्मचारी के फ़ोन में इस ऐप को नहीं पाया जाता है तो कंपनी के प्रमुख को ज़िम्मेदार माना जाएगा। हालाँकि अप्रैल की शुरुआत में जब इस ऐप को लॉन्च किया गया था तब इसके स्वैच्छिक उपयोग की बात कही गई थी।

ताज़ा ख़बरें

लेकिन नोएडा प्रशासन ने इस आदेश को सिर्फ़ कर्मचारियों तक सीमित नहीं रखा और इसे आम लोगों को लिए भी ज़रूरी बना दिया है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, डीसीपी (क़ानून व्यवस्था) अखिलेश कुमार ने कहा, 'जिन लोगों के पास एप्लिकेशन नहीं होगी उनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 188 के तहत रिपोर्ट दर्ज की जा सकती है। उसके बाद एक न्यायिक मजिस्ट्रेट यह तय करेगा कि उसके ख़िलाफ़ मामला चलेगा, जुर्माना लगाया जाएगा या फिर चेतावनी के साथ छोड़ दिया जाएगा।' बता दें कि धारा 188 सरकारी आदेश की अवज्ञा करने से जुड़ी है और इसके लिए किसी व्यक्ति को छह माह तक जेल हो सकती है या फिर 1000 रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है। 

हालाँकि डीसीपी ने यह भी कहा कि यदि लोग तुरंत ही उस ऐप को डाउनलोड कर लेते हैं तो भी छोड़ दिया जाएगा। लेकिन बार-बार चेतावनी के बाद भी वे डाउनलोड नहीं करते हैं तो कार्रवाई की जाएगी। मोबाइल डाटा नहीं रहने की स्थिति में ऐप डाउनलोड करने के लिए अधिकारी हॉटस्पॉट से इंटरनेट भी उपलब्ध कराएँगे। मोबाइल में स्टोरेज नहीं होने पर व्यक्ति का फ़ोन नंबर लिया जाएगा बाद में चेक किया जाएगा कि संबंधित व्यक्ति ने उसे डाउनलोड किया है या नहीं। 
उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने के लिए इस ऐप को केंद्र सरकार द्वारा तैयार किया गया है। इस ऐप को 2 अप्रैल को लॉन्च किया गया था। यह ऐप ब्लू टूथ और लोकेशन डाटा के आधार पर ऐप का प्रयोग करने वाले की स्थिति पर निगरानी रखती है और यह भी कि वह किन-किन व्यक्तियों के संपर्क में आया है। 

इस ऐप के उपयोग करने वाले लोगों के 30 दिन के अंदर संपर्क में आए लोगों का डाटा सर्वर पर रखा जाता है। ऐसे में किसी कोरोना पॉजिटिव केस के आने पर या कोरोना फैलने का ख़तरा होने पर यह उस व्यक्ति के संपर्क में आए सभी लोगों को एलर्ट भेज देता है। 

हालाँकि इस ऐप से कोराना संक्रमण की स्थिति का पता लगता है लेकिन कई साइबर सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों ने निजी सूचना की सुरक्षा को लेकर चिंता भी जताई है। इसको लेकर राहुल गाँधी ने भी चिंता जताई थी। उन्होंने इस ऐप को काफ़ी उन्नत निगरानी प्रणाली क़रार दिया था और सीधे तौर पर इस ऐप से लोगों की जानकारियों के चोरी होने की आशंका जताई।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें