कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही किसान महापंचायतों ने इस इलाक़े में राजनीतिक ज़मीन खो चुकी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) को जिंदा होने का मौक़ा दे दिया है। मुज़फ्फरनगर से लेकर बाग़पत और बिजनौर से लेकर मथुरा तक इन महापंचायतों में बड़ी संख्या में लोग उमड़े हैं। लेकिन शुक्रवार को शामली में हुई महापंचायत इन सबसे अलग थी क्योंकि इसे प्रशासन की मंजूरी नहीं मिली थी। बावजूद इसके महापंचायत हुई और इसमें बड़ी संख्या में लोग भी जुटे।