loader

लखीमपुर खीरी: बरसी पर किसानों ने किया जोरदार प्रदर्शन

लखीमपुर खीरी में बीते साल 3 अक्टूबर को हुए दर्दनाक हादसे का एक साल पूरा होने पर देशभर में कई जगहों पर किसानों ने प्रदर्शन किया है। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसानों ने लखीमपुर के अलावा फर्रुखाबाद, आजमगढ़, बुलंदशहर सहित उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर प्रदर्शन किया है। 

लखीमपुर खीरी की घटना में किसानों को गाड़ियों से रौंद दिया गया था। घटना में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें से 4 किसान भी थे। किसानों के साथ ही बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं शुभम मिश्रा, श्याम सुंदर निषाद और हरि ओम मिश्रा की भीड़ ने जान ले ली थी। एक पत्रकार की भी मौत इस घटना में हुई थी। 

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि इस घटना के 1 साल बाद भी पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल सका है। सोमवार को उन्होंने पीड़ित परिवारों के परिजनों से मुलाकात की। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया के कौडियाला घाट गुरुद्वारे में बरसी को लेकर कार्यक्रम किया गया। 

ताज़ा ख़बरें

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी समेत संयुक्त किसान मोर्चा की सभी मांगों का फिर से समर्थन करती है। 

टेनी को हटाने की मांग 

लखीमपुर खीरी मामले में जांच के लिए बनी एसआईटी ने कहा था कि यह घटना किसानों की हत्या करने की सोची-समझी साजिश थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार, किसानों और विपक्ष के दबाव के बाद मामले के मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा को तो पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था। लेकिन आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की मोदी कैबिनेट से बर्खास्तगी की मांग को लेकर किसान और विपक्ष के लगातार आवाज़ उठाने के बाद भी अजय मिश्रा को कैबिनेट से बर्खास्त नहीं किया गया। 

Lakhimpur Kheri violence case farmers protest - Satya Hindi

इस मांग को लेकर किसानों ने कुछ महीने पहले लखीमपुर खीरी में 75 घंटे तक धरना दिया था। टेनी को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की मांग किसान बीते साल अक्टूबर से करते रहे हैं।

पुलिस ने इस मामले में 5000 पन्नों की चार्जशीट अदालत में जमा की थी। पुलिस ने चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य अभियुक्त बनाया था। आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में उन्हें बीते साल 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। इस साल फरवरी में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष को जमानत दे दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी। 

Lakhimpur Kheri violence case farmers protest - Satya Hindi

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी लगातार इस बात को कहते रहे थे  कि वारदात के दौरान उनका बेटा वहां मौजूद नहीं था और वह दंगल के आयोजन स्थल पर था। आशीष मिश्रा ने भी इस बात को कहा था कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। लेकिन चार्जशीट में कहा गया था कि आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद था और उसने फायरिंग की थी। 

उत्तर प्रदेश से और खबरें
बताना होगा कि कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के तमाम बॉर्डर्स पर जोरदार आंदोलन किया था। इस दौरान बड़ी संख्या में गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसान लगभग 1 साल तक बैठे रहे थे। किसानों के आंदोलन से उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले सियासी नुकसान की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने बीते साल नवंबर में कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें