लेकिन अब नीतीश कुमार ने ये क़दम क्यों उठा लिया। यह सवाल नीतीश से ही पूछा जाएगा क्योंकि मालेगांव बम धमाकों के आरोपी को पार्टी में शामिल करने से पहले उनकी राय ज़रूर पूछी गयी होगी। इतना बड़ा फ़ैसला उनकी ‘हां’ के बगैर नहीं हुआ होगा।
ख़ुद पर लगे आरोपों को लेकर जब उपाध्याय से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं निर्दोष हूं। मैं राष्ट्रवादी हूं, देशभक्त हूं और सेक्युलर व्यक्ति हूं। मुझे मालेगांव बम धमाकों के मामले में झूठा फंसाया गया और मैं दोष मुक्त होने का इंतजार कर रहा हूं।’