कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पास स्थित शाही ईदगाह मसजिद को "हटाने" की मांग करते हुए कई मुकदमे दायर किए गए हैं। वादियों का दावा है कि औरंगजेब-युग की मसजिद कृष्ण मंदिर को गिराने के बाद बनाई गई थी। मसजिद प्रबंधन समिति ने अपनी याचिका में इन मुकदमों को चुनौती दी थी।
क्या है मथुरा विवादः मथुरा विवाद आठ दशक से अधिक पुराना है और इसमें 13.37 एकड़ भूमि के मालिकाना हक को कोर्ट में चुनौती दी गई है। यहीं पर शाही ईदगाह है। याचिकाकर्ता कटरा केशव देव मंदिर के कैंपस से 17वीं शताब्दी में बनी शाही ईदगाह को हटाने की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि मसजिद कथित तौर पर कृष्ण के जन्मस्थान पर बनाई गई थी। मसजिद को 1669-70 में मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर बनाया गया था। कृष्ण जन्मभूमि ट्र्स्ट आस्था के आधार पर इस केस को लड़ रहा है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि समझौते की कोई कानूनी वैधता नहीं है। क्योंकि कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, जिसके पास स्वामित्व और जगह का टाइटल है, वह इसमें पक्षकार नहीं है। अदालत को उस भूमि को देवता को ट्रांसफर करने का आदेश देना चाहिए जिस पर मसजिद बनाई गई थी।