10 और 14 फरवरी को पहले और दूसरे चरण में जाटलैंड कहे जाने वाले पश्चिमी यूपी की 113 सीटों पर मतदान होगा। यहाँ चुनाव प्रचार जोरों पर है। अमित शाह से लेकर योगी आदित्यनाथ कैराना और मुजफ्फरनगर में जाकर सपा सरकार में हुए दंगों और बिगड़ी कानून व्यवस्था को याद ही नहीं दिला रहे हैं बल्कि बहुत आक्रामकता के साथ 'गर्मी शांत करने' का ऐलान कर रहे हैं। जाहिर है, जयंत चौधरी और अखिलेश यादव उन पर जवाबी हमला कर रहे हैं। जयंत और अखिलेश यादव के साथ भारी जनसमर्थन दिख रहा है।
क्या यूपी के चुनावी समीकरण बदल देंगी मायावती?
- उत्तर प्रदेश
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- 8 Feb, 2022

बीजेपी के कानून व्यवस्था के प्रचार से क्या बसपा को फायदा मिलता दिख रहा है? क्या बसपा के कारण यूपी चुनाव में मुश्किलें बढ़ गई हैं?
पिछले साल हुए किसान आंदोलन के प्रति मोदी सरकार की बेरहमी, आवारा पशुओं की समस्या और महंगाई-बेरोजगारी जैसे मुद्दों के कारण किसानों-नौजवानों में भाजपा के प्रति बहुत गुस्सा है। जयंत और अखिलेश द्वारा योगी आदित्यनाथ पर किए जा रहे पलटवार से आरएलडी और सपा के समर्थक-कार्यकर्ता अति उत्साहित हैं। भाजपा के प्रत्याशी, मंत्री और विधायकों का पश्चिमी यूपी के गाँवों में जाना और प्रचार करना मुश्किल हो रहा है। आरएलडी के कार्यकर्ता बीजेपी नेताओं को खदेड़कर भगा रहे हैं। इस तरह के तमाम वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। सपा के कार्यकर्ता और समर्थक भी बड़े जोश के साथ ऐसे वीडियो 'खदेड़ा होबे' टैग के साथ शेयर कर रहे हैं।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।