उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था का यह आलम है कि पुलिस अपने ही लोगों को उग्र भीड़ से नहीं बचा पा रही है। बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत के बहुत दिन नहीं हुए है, एक और पुलिस वाले की मौत भीड़ की हिंसा में हो गई। ग़ाज़ीपुर में बेक़ाबू भीड़ के पथराव और उससे हुई झड़प में कांस्टेबल सुरेश वत्स मारे गए। पुलिस ने 32 लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई है और 11 लोगों को गिरफ़्तार कर  लिया है। 

बीते शनिवार यानी कि 29 दिंसबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लिया था। इस कार्यक्रम के समापन के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं की गाड़ियों पर सुहेल देव समाज पार्टी और निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर पथराव किया। जब हालात क़ाबू करने के लिए पुलिस ने दखल दिया तो लोगों ने पुलिस वालों पर ही पथराव शुरु कर दिया।  पुलिस कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स की मौत हो गई।