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कल्याण सिंह के लिए शोक संदेश जारी करने पर AMU के वीसी का विरोध

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर शोक संदेश जारी करना अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति तारिक़ मंसूर को भारी पड़ गया है। एएमयू के परिसर में पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें कहा गया है कि कुलपति का यह काम माफ़ करने लायक नहीं है। कल्याण सिंह का 21 अगस्त की रात को निधन हो गया था। 

कुलपति ने अपने शोक संदेश में कहा था कि कल्याण सिंह ने उत्तर प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाई। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे। इस पोस्टर में किसी छात्र का नाम नहीं है और इसके नीचे लिखा गया है कि इसे एमएमयू के छात्रों की ओर से जारी किया गया है। 

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पोस्टर में कहा गया है कि कुलपति का शोक संदेश न सिर्फ़ शर्म का विषय है बल्कि यह एएमयू की संस्कृति, परंपरा के भी ख़िलाफ़ है और हमारे समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। आगे कहा गया है कि कल्याण सिंह बाबरी मसजिद विध्वंस के मुख्य अभियुक्त थे और मोटे शब्दों में लिखा गया है कि अपराधियों के लिए प्रार्थना करना अक्षम्य अपराध है। 
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पोस्टर में कहा गया है कि कुलपति का यह शोक संदेश एएमयू की पूरी बिरादरी, अलीगढ़ आंदोलन पर कलंक है। आगे कहा गया है कि कुलपति तारिक़ मंसूर ऐसी पार्टी के नेता का समर्थन कर रहे हैं जो फासीवाद में भरोसा रखती है और उन्हें उनके शर्मनाक रवैये के लिए कभी माफ़ नहीं किया जाएगा। 

इस बारे में एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फ़ैजुल हसन ने कहा है कि कल्याण सिंह के रहते हुए ही बाबरी मसजिद गिराई गई थी और उनके लिए ग़म का इजहार करना ग़लत है। 

'सबक सिखाएगी सरकार'

इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने ‘आज तक’ से बात करते हुए कहा कि तालिबानी सोच के कुछ लोग यहां आ गए हैं और योगी सरकार उन्हें सबक सिखाएगी। उन्होंने कहा कि वह कुलपति के द्वारा शोक संदेश जारी करने का स्वागत करते हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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