उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हत्या के एक मामले में पुलिस ने शनिवार को हिन्दूवादी नेता पूजा शकुन पांडे को गिरफ्तार कर लिया है। अलीगढ़ में 26 सितंबर को बाइक शोरूम मालिक 25 वर्षीय अभिषेक गुप्ता की हत्या की गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी पूजा शकुन पांडे थी। पूजा को शनिवार को राजस्थान के भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूजा पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था और वह हत्या की रात से फरार चल रही थी। पुलिस उससे पूछताछ के लिए अलीगढ़ ला रही है। इस मामले में पूजा के पति आशोक पांडे, शूटर मोहम्मद फजल और मुख्य शूटर आसिफ पहले ही हिरासत में हैं।
घटना 26 सितंबर को अलीगढ़ के रोरावर इलाके में घटी, जब अभिषेक अपने पिता के साथ हाथरस जाने वाली बस में सवार हो रहे थे। दो हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी की। घायल अभिषेक को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रात में उनकी मौत हो गई। अभिषेक के पिता ने तुरंत रोरावर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें पूजा शकुन पांडे और उनके पति आशोक पांडे का नाम लिया गया। शिकायत में बताया गया कि आरोपी दंपति और अभिषेक के बीच संबंध तनावपूर्ण थे।
पूजा शकुन पांडे अखिल भारतीय हिंदू महासभा (एबीएचएम) की पदाधिकारी हैं और खुद को महामंडलेश्वर का धार्मिक खिताब पाने का दावा करती हैं। वह पहले भी सुर्खियों में रहीं, जब उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की सार्वजनिक प्रशंसा की थी। उनके पति आशोक पांडे एबीएचएम के प्रवक्ता हैं। पूजा 2018 में सुर्खियों में आई थी, जब उसने महात्मा गांधी की फोटो पर गोलियां चलाई थीं। उसने हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ भी की। पूजा ने यही हरकत 2019 में भी दोहराई। उसकी इस हरकत पर किसी भी सरकारी एजेंसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। वो खुद को उग्र हिन्दू नेता के रूप में स्थापित करना चाहती थी।
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पुलिस अधीक्षक मृगांक शेखर पाठक ने बताया, "फजल की गिरफ्तारी पिछले सप्ताह हुई थी। मुख्य शूटर आसिफ को 3 अक्टूबर को दिल्ली-कानपुर हाईवे पर पकड़ा गया, जो पहले से वांछित था। पूजा की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ से और खुलासे होंगे।" अभिषेक के पिता ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, "मेरा बेटा एक साधारण व्यापारी था, लेकिन इन लोगों से पुरानी दुश्मनी ने उसे छीन लिया।"

पूजा शकुन पांडे ने कारोबारी को ब्लैकमेल किया था

जाँचकर्ताओं ने पहले खुलासा किया था कि दोनों शूटर पूजा शकुन पांडे और उनके पति को 7-8 सालों से जानते थे और एक महीने पहले ही उनके घर पर वेल्डिंग का काम करने लगे थे। जब फ़ज़ल और आसिफ उनके घर पर काम कर रहे थे, तो पति-पत्नी की जोड़ी ने अभिषेक गुप्ता की हत्या के लिए उन्हें पैसे की पेशकश की। शुरुआत में, शूटरों ने ₹5 लाख की माँग की, लेकिन अंततः ₹3 लाख पर सहमति बनी। पांडे ने हत्या से पहले हत्यारों को गुप्ता की तस्वीर उपलब्ध कराई थी। 

कॉल रिकॉर्ड का हवाला देते हुए, पुलिस ने कहा कि अशोक पांडे ने अगस्त और सितंबर के बीच फ़ज़ल से 27 बार संपर्क किया था और अपनी फरार पत्नी से 11 बार बात की थी। पुलिस ने यह भी बताया कि पूजा शकुन पांडे के बिजनेसमैन अभिषेक से अवैध संबंध बन गए थे। आरोप है कि वो अभिषेक को ब्लैकमेल करने लगी। पूजा का पति ये सब जानता था। जब कारोबारी अभिषेक ने पैसे देने बंद कर दिए तो दोनों ने अभिषेक को खत्म करने का प्लान बनाया, इसके लिए उन्होंने वेल्डिंग करने वाले दोनों मुस्लिम युवकों को सुपारी दी।

हिन्दूवादी नेता का वीडियो वायरल हुआ था

2019 में पूजा शकुन पांडे ने जनवरी में खिलौने वाली बंदूक से महात्मा गांधी के फोटो पर गोली चलाई थी। अलीगढ़ में गांधीजी की पुण्यतिथि और इस दिन को 'शौर्य दिवस' के रूप में मनाने के लिए उसने यह भड़काऊ कृत्य किया गया। इस घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पांडे ट्रिगर दबाती दिखाई दे रही हैं। उसके बाद उसके समर्थकों ने "महात्मा नाथूराम गोडसे ज़िंदाबाद" के नारे लगाए। यह घटिया हरकत 30 जनवरी को गांधीजी की हत्या का "जश्न" मनाने के लिए की गई थी। पुतले पर गोली चलाने के बाद, कार्यकर्ताओं ने नाथूराम गोडसे की तस्वीर पर मालाएँ चढ़ाईं और समर्थकों के बीच मिठाइयाँ बाँटीं।