इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क़रीब तीन साल पहले सेना से जुड़े एक बयान पर मानहानि केस में राहुल गांधी को राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने पिछले हफ़्ते अपने फ़ैसले में कहा कि संविधान के तहत मिली बोलने और अभिव्यक्ति की आज़ादी में भारतीय सेना या किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ अपमानजनक बयान देने की आज़ादी शामिल नहीं है।
HC ने राहुल से कहा- 'सेना पर अपमानजनक बयान देने की आज़ादी नहीं'
- उत्तर प्रदेश
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- 4 Jun, 2025
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को सेना पर दिए पुराने बयान से जुड़े मानहानि केस में राहत देने से इनकार क्यों किया? जानिए, अदालत ने क्या कहा।

इसके साथ ही जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी। याचिका में राहुल ने लखनऊ की एक एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा फरवरी 2025 में जारी समन आदेश और मानहानि मामले को चुनौती दी थी। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार इसी पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता निश्चित रूप से दी गई है, लेकिन यह तार्किक प्रतिबंधों के अधीन है और इसमें किसी व्यक्ति या भारतीय सेना के ख़िलाफ़ अपमानजनक बयान देने की स्वतंत्रता शामिल नहीं है।'