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राजभर आस्तीन के सांप थे, बीजेपी ने प्लांट कियाः केशव

यूपी में विपक्ष की राजनीति दिलचस्प मोड़ ले रही है। समाजवादी पार्टी के गठबंधन में शामिल महान दल ने शिवपाल यादव और ओमप्रकाश राजभर पर तीखा हमला किया है। समाजवादी पार्टी ने शनिवार को अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर को पत्र भेजकर कहा कि वे गठबंधन से बाहर जाने के लिए आजाद हैं। सपा ने वो पत्र मीडिया को भी जारी कर दिया। इसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने बीएसपी जिन्दाबाद का नारा सोशल मीडिया पर बुलंद किया। इस बयानबाजी के बाद महान दल अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने कड़ा बयान दिया।

महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने आगरा में कहा कि ओम प्रकाश राजभर आस्तीन का सांप है। राजभर और स्वामी प्रसाद मौर्य को बीजेपी ने सपा गठबंधन में समाजवादी पार्टी को प्लांट किया था। इन्हीं दोनों की गंदी बयानबाजी से सपा चुनाव हारी है। अखिलेश यादव को इन्हीं दोनों ने गुमराह किया हुआ था। केशव ने कहा कि राजभर की हैसियत एक राजनीतिक जोकर के अलावा कुछ नहीं है। वो आरएसएस के इशारे पर काम कर रहा था। स्वामी प्रसाद मौर्य सुरक्षा की बात करते हैं लेकिन मदद बीएसपी से ले रहे हैं।

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इसी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य और ओमप्रकाश राजभर के बीएसपी में लौटने या उससे गठबंधन की खबरें चर्चा में हैं। बीएसपी भी इन दोनों नेताओं का खुले दिल से स्वागत करने को तैयार है। बीएसपी में कद्दावर पिछड़े नेताओं की कमी है। किसी समय ओबीसी नेताओं की बीएसपी में भरमार थी। लेकिन बाद वो लोग धीरे-धीरे बीएसपी से दूर होते गए।

सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद अपने आधार वोट बैंक को देखते हुए बीजेपी में नहीं जाना चाहते। वहां जाने से मुस्लिम वोट इन दोनों नेताओं को नहीं मिलेगा। खासकर ओमप्रकाश राजभर की पार्टी में पूर्वी यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी के परिवार के लोग हैं। इसलिए राजभर को बीएसपी ही अपने अनुकूल लगती है। इसी तरह स्वामी प्रसाद मौर्य अगर बीएसपी में लौटते हैं तो जिस पार्टी की बदौलत वो बड़े ओबीसी नेता बने थे, उस कद को फिर पाने की कोशिश करेंगे।

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बता दें कि अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव 2022 के लिए शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोक दल, ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, केशव देव मौर्य के महान दल, कृष्णा पटेल के अपना दल (कमेरावादी) के साथ मिलकर एक मजबूत गठबंधन बनाया था। लेकिन यह गठबंधन विधानसभा चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सका था।

उधर, शिवपाल यादव ने गठबंधन से हटाए जाने के बाद एक ट्वीट के जरिए कहा कि मैं वैसे तो सदैव से आजाद था लेकिन सपा ने अब औपचारिक रूप से पत्र जारी कर मुझे आजादी दे दी है तो उसका धन्यवाद। शिवपाल ने ट्वीट के अंत में कहा कि राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों और सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है।

इस बीच बीजेपी के सीनियर नेता और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए सवाल किया है कि अखिलेश ने अपने कार्यकाल में किसी ओबीसी नेता को डिप्टी सीएम बनाया। हकीकत ये है कि अखिलेश अपने सामने किसी ओबीसी नेता को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते।

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क़मर वहीद नक़वी
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