प्रधानमंत्री बनने की सियासी ख़्वाहिश रखने वाले आडवाणी के बारे में कहा जाता है कि वे इससे चूकने के बाद राष्ट्रपति बनना चाहते थे, लेकिन इस पद के लिए जब रामनाथ कोविंद को बीजेपी की ओर से चुना गया, तो आडवाणी के परेशान होने की ख़बरें आई थीं।
रथ यात्रा के दौरान आडवाणी के साथ नरेंद्र मोदी।
मोदी को इस मुक़ाम तक पहुंचाने का श्रेय आडवाणी को दिया जाता है। गोधरा दंगों के बाद जब गुजरात में नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री पद से हटाने की बात आई, तो कहा जाता है कि आडवाणी ही मोदी के पक्ष में अड़ गए थे और उनकी कुर्सी बचाई थी।