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अयोध्या: राम मंदिर के निर्माण में और तेजी लाने के निर्देश 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा की रैली में अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण 1 जनवरी, 2024 को पूरा होने का ऐलान किया है। इसके बाद से ही मंदिर के निर्माण में और तेजी लाने के निर्देश मंदिर निर्माण समिति की बैठक में दिए गए हैं। अभी तक मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का 60 फीसदी काम ही पूरा हुआ है लेकिन मंदिर ट्रस्ट का मानना है कि निर्माण कार्य तय टाइम स्केल के मुताबिक चल रहा है जो अक्टूबर 2023 तक पूरा हो जाएगा। 

मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक, इस समय ग्राउंड फ्लोर पर पिलर खड़े किए जा रहे हैं। 160 पिलर में से 45 पिलर की ऊंचाई 12 फुट पहुंच चुकी है। सभी पिलर पर काम चल रहा है जब सभी पिलर 19 फुट ऊंचे हो जाएंगे तो छत डाल दी जाएगी। 

कुल मिलाकर सितंबर-अक्टूबर तक राम लला की प्राण प्रतिष्ठा करवाने की स्थिति में निर्माण कार्य पूरा करने का टारगेट रखा गया है।

Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust Ram mandir nirman in Ayodhya  - Satya Hindi

राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक गुरूवार को मंदिर परिसर में स्‍थित एल एंड टी कार्यालय में हुई। जिसकी अध्‍यक्षता समिति के अध्‍यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने की। बैठक में मंदिर के ग्राउंड फ्लोर के निर्माण के साथ ही यात्रियों की सुविधाओं को लेकर चर्चा की गई।

साथ ही इसकी भी समीक्षा की गई कि राम लला की प्राण प्रतिष्‍ठा भव्‍य राम मंदिर के गर्भगृह में करवाने के लिए निर्माण की प्रगति कैसी है। मंदिर ट्रस्‍ट के सदस्‍य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक मंदिर के परकोटा व यात्री सुविधा केंद्र के भवन की नींव की भराई का काम फरवरी में शुरू हो जाएगा।

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निर्माण समिति की बैठक में तकनीकी कर्मचारियों ने मंदिर के निर्माण की बाबत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंदिर के पिलर्स में देवी देवताओं की कैसी प्रतिमाएं बनें, इसको लेकर वास्‍तुविदों से चर्चा की गई।  

उन्‍होंने बताया कि कार्य की प्रगति तय समय के मुताबिक हो रही है। इस साल अक्टूबर के पहले तक ही ग्राउंड फ्लोर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। ऐसी जानकारी तकनीकी टीम ने दी है। उन्‍होंने बताया कि मंदिर के फर्श को लेकर भी चर्चा की गई है। प्रयास है कि राम लला के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्‍ठा के कार्यक्रम लायक सभी आवश्‍यक निर्माणकार्य समय पर पूरे कर लिए जाएं। बाकी दूसरी मंजिल के मंदिर का निर्माण कार्य चलता रहेगा। 

बैठक में आगे के निर्माण कार्य की व्यवस्था व तैयारी को लेकर भी मंथन किया गया।  

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ये काम पूरे होने हैं- 

  • मंदिर परकोटा व 800 मी लंबा व 14 फुट चौड़ा मंदिर का परिक्रमा मार्ग।
  • परकोटा क्षेत्र में गणेश जी, मां भगवती, शंकर जी, हनुमान जी, माता अन्नपूर्णा व भगवान सूर्य देव के छोटे मंदिरों का निर्माण।
  • 25 हजार यात्रियों के सामान आदि रखने व बुजुर्ग श्रद्धालुओं के अल्प विश्राम के लिए यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण।
  • दर्शन का सुव्यवस्थित व सुरक्षित प्लान।
  • राम मंदिर को जोड़ने वाले राम पथ भक्ति पथ व रामजन्म भूमि पथ के चौड़ीकरण व सौंदर्यीकरण का काम।
  • पावर का विकेंद्रीकृत प्लान व पेयजल की समुचित व्यवस्था।

समितियां व उप समितियां बनेंगी 

श्री राम जन्‍म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट की नियमावली पर ट्रस्‍ट की बैठक में सदस्‍यों की मुहर लग गई। जिसमें प्रमुख बिंदु यह रखा गया है कि सभी सदस्‍य राम मंदिर के लिए सेवा व समर्पण की भावना से काम करेंगे। किसी भी सदस्‍य को किसी तरह का पारिश्रमिक अथवा मानदेय देय नहीं होगा। अब ट्रस्‍ट की कार्यशैली को और व्‍यापक बनाने की गुंजाइश रहेगी और समितियों व उप समितियों का गठन कर काम का बंटवारा भी किया जा सकेगा। अभी केवल मंदिर निर्माण समिति का ही गठन हुआ है जो राम मंदिर के निर्माण की जिम्‍मेदारी संभाल रही है। 

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इस समिति के अध्‍यक्ष नृपेंद्र मिश्र हैं जिसमें कार्यदायी संस्‍थाओं के तकनीकी विशेषज्ञ व ट्रस्‍ट के महा सचिव व उनके सहयोगी सदस्‍य हिस्‍सा लेते हैं। मंदिर ट्रस्‍ट के सदस्‍य कामेश्‍वर चौपाल ने बताया कि मंदिर के निर्माण के साथ अन्‍य व्‍यवस्‍थाओं को लेकर जैसे-जैसे जरूरत महसूस होगी। नई समितियों व उप समितियों का गठन ट्रस्‍ट के अनुमोदन पर कर लिया जाएगा। इसका प्रस्‍ताव ट्रस्‍ट के महा सचिव ट्रस्‍ट की बैठक में पेश करेंगे। 

उन्‍होंने बताया कि कार्य विशेष के लिए अलग-अलग समितियों का गठन कर उनकी जिम्‍मेदारी भी तय कर दी जाएगी। 

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वी. एन. दास
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