भाजपा आलाकमान एक तरफ तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के असंतुष्ट सहयोगियों के बीच समझौते की कोशिश में लगा हुआ है लेकिन असंतुष्ट सहयोगी योगी सरकार के लिए विधानसभा और विधान परिषद में भी मुश्किलें पेश कर रहे हैं। नजूल भूमि को लेकर योगी सरकार के विधेयक पर यही हुआ। विधान सभा द्वारा उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति विधेयक पारित करने के ठीक दो दिन बाद, विधान परिषद में विरोध होने पर राज्य सरकार ने विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया है। यानी बिल एक तरह से ठंडे बस्ते में चला गया है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, सिद्धार्थनाथ सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी आदि ने इस विधेयक का जोरदार विरोध किया था।
योगी को झटकाः कैसे भाजपा और सहयोगी दल के ही नेताओं ने नजूल भूमि बिल में बाधा डाली
- उत्तर प्रदेश
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- 29 Mar, 2025
योगी सरकार यूपी विधानसभा में नजूल भूमि को निजी फ्रीहोल्ड में बदलने से रोकने के लिए एक विधेयक लाई। लेकिन विपक्ष के अलावा भाजपा के नेताओं ने इस पर जबरदस्त विरोध किया। विधान परिषद में तो विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजना पड़ा। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एक झटका है। यूपी के लगभग हर शहर में नजूल लैंड है। लाखों लोगों ने लीज पर इन जमीनों को लेकर घर बना लिए हैं। बिल के पास होने पर यूपी में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ अभियान चलता और सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती थीं। लेकिन इस पर भाजपा की अंदरुनी राजनीति फिर से खुलकर सामने आई।
