उन्नाव रेप पीड़िता को कहीं से भी न्याय मिलता दिख रहा है क्या? एफ़आईआर दर्ज कराई गई है कि पीड़िता की हर हरकत की ख़बर उसकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पहुँचाई जाती थी। ऐसा क्यों? रिपोर्टें हैं कि जिस ट्रक ने पीड़िता वाली कार को टक्कर मारी उस ट्रक के नंबर प्लेट पर कालिख पुती है। जब कार से पीड़िता जा रही थी तो उसके साथ सुरक्षा कर्मी भी नहीं थे। इन सबका क्या मतलब है? इस मामले की शुरुआत से लेकर अब तक की स्थिति को देखने पर लगता है कि ऐसा केस शायद ही कभी सामने आया हो। 17 साल की उम्र में रेप। आरोपी के ख़िलाफ़ रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की जा रही थी। फिर उनके पिता की जमकर पिटाई और गिरफ़्तारी भी। हिरासत में ही मौत। पीड़िता और उसकी माँ द्वारा आत्मदाह की कोशिश। हाई कोर्ट की फटकार के बाद ही आरोपी सेंगर की गिरफ़्तारी। और अब जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही पीड़िता की कार के साथ हादसा। इसमें उसकी चाची और मौसी की मौत हो गई। वकील घायल। ख़ुद ज़िंदगी और मौत से जंग लड़ रही है। पीड़िता कहाँ-कहाँ लड़े। दुष्कर्म से मिले ‘घाव’ से या इस पूरे सिस्टम से?
उन्नाव: पीड़िता दुष्कर्म के ‘घाव’ से लड़े या इस सिस्टम से?
- उत्तर प्रदेश
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- 30 Jul, 2019
उन्नाव रेप पीड़िता को कहीं से भी न्याय मिलता दिख रहा है क्या? एक तो वह बलात्कार का दंश झेर रही है और ऊपर से इस 'सिस्टम' ने उसका सबकुछ तबाह कर दिया है। ऐसे में कैसे मिलेगा न्याय?
