Barabanki Temple Stampde : हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई भगदड़ में मरने वालों की संख्या जहां 8 हो गई, वहीं यूपी में बाराबंकी जिले के मंदिर में भी भगदड़ मची, जिसमें फिलहाल दो लोगों के मरने की खबर है। यह घटना बंदर की वजह से हुई।
बाराबंकी के मंदिर में भगदड़
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में स्थित अवसानेश्वर महादेव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार को एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब एक बंदर ने बिजली के तार को खींच लिया, जिसके कारण तार टूटकर मंदिर परिसर में एक टिन शेड पर गिर गया, जिससे करंट फैल गया और भगदड़ मच गई। कल रविवार को इसी तरह हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भी भगदड़ से मरने वालों की तादाद 8 पहुंच गई है।
हादसे की वजह
घटना सोमवार तड़के उस समय हुई, जब सावन के पवित्र महीने के तीसरे सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में जलाभिषेक के लिए एकत्र हुए थे। बाराबंकी पुलिस के अनुसार, बंदर के तार खींचने से बिजली का तार टूटा और टिन शेड पर गिर गया, जिसके कारण वहां मौजूद श्रद्धालुओं में करंट फैल गया। इस हादसे ने मंदिर परिसर में अफरा-तफरी मचा दी, जिसके परिणामस्वरूप भगदड़ की स्थिति बन गई।
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि जलाभिषेक के दौरान बंदरों द्वारा बिजली का तार क्षतिग्रस्त होने से तीन टिन शेड्स में करंट फैल गया, जिससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में मुबारकपुर गांव के 22 वर्षीय प्रशांत और एक अन्य 30 वर्षीय श्रद्धालु की त्रिवेदीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। कुल 10 घायल व्यक्तियों को त्रिवेदीगंज सीएचसी लाया गया, जिनमें से पांच की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें विभिन्न अस्पतालों में रेफर किया गया।
हादसे की सूचना मिलते ही जिला और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गया। घायलों को तत्काल एंबुलेंस के माध्यम से हैदरगढ़ और त्रिवेदीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा गया, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है और घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था की जा रही है।
हरिद्वार से मिलतीजुलती घटना
यह हादसा हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में रविवार को हुई एक अन्य भगदड़ की घटना के ठीक एक दिन बाद हुआ, जहां उच्च वोल्टेज तार गिरने की अफवाह के कारण आठ लोगों की मौत हो गई थी और 30 अन्य घायल हो गए थे। दोनों घटनाओं में बिजली के तार से संबंधित अफवाह या हादसे ने भगदड़ को ट्रिगर किया, जिससे प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल उठ रहे हैं।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि इस हादसे के सटीक कारणों की जांच की जा रही है। मंदिर परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति अब नियंत्रण में है। श्रद्धालुओं ने बाद में मंदिर में पूजा-अर्चना फिर से शुरू की।
यह दुखद घटना सावन के पवित्र महीने में मंदिरों में उमड़ने वाली भारी भीड़ के प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्थाओं की आवश्यकता को रेखांकित करती है। प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है।