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यूपी: मुस्लिम को पेड़ से बांध पीटा, 'जय श्री राम' बुलवाया, जेल भी वही गया! 

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक मुस्लिम मज़दूर युवक को चोरी के शक में कुछ लोगों ने पकड़ा। पेड़ से बांधकर पीटा। उसका सिर मुंडवा दिया। जय श्री राम के नारे लगवाए। और फिर पुलिस ने उसी ही जेल भी भेज दिया। पीड़ित का पिता गुहार लगाता रहा। लेकिन जब उस मारपीट का वीडियो वायरल हुआ तो मुस्लिम युवक की ओर से दी गई शिकायत पर हलचल हुई। आरोप है कि पीड़ित पर समझौता करने के लिए दबाव भी डाला गया।

इस मामले में बुलंदशहर पुलिस ने अब कार्रवाई की है और पिटाई करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। नगर के अपर पुलिस अधीक्षक ने इसको लेकर बयान जारी किया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार मजदूर साहिल के पिता शकील ने आरोप लगाया है कि पेड़ से बांधकर मारपीट करने की घटना के बाद उनके बेटे को जेल भेज दिया गया था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने मीडिया के सामने यह भी बयान दिया है कि पुलिस कथित तौर पर उन्हें आरोपी के साथ समझौता करने के लिए कह रही थी और उन्हें धमकी दे रही थी।

साहिल के पिता शकील ने मीडिया को बताया, 'मेरा बेटा दोपहर के भोजन के लिए घर जा रहा था, तभी आरोपी ने उसे पकड़ लिया और पेड़ से बांध दिया और उसकी पिटाई की। कोई भी हमारी दलील नहीं सुन रहा है। पुलिस ने हमारे बेटे को उठाया और उसे जेल भेज दिया। हमने अपनी शिकायत में शामिल लोगों का नाम लिया। अब हमसे समझौता करने के लिए कहा जा रहा है। हमें धमकी दी जा रही है कि अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो वे हमें यहां नहीं रहने देंगे।'

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मामले के तीन आरोपियों में से एक द्वारा शूट किया गया घटना का वीडियो वायरल हो गया है। पुलिस ने कहा है कि वैर गांव में शूट किए गए एक वीडियो में तीन लोगों को चोरी के संदेह में उसी गांव के निवासी साहिल को पिटाई करते हुए देखा गया।

पुलिस ने कहा है, 'वीडियो का संज्ञान लेते हुए और परिवार से प्राप्त शिकायत के आधार पर काकोद थाने में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।' पीटीआई की एक रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आरोपियों की पहचान गजेंद्र, सौरभ और धन्नी के रूप में हुई है।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर वीडियो साझा किया और उत्तर प्रदेश पुलिस पर तीखा हमला किया।

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उन्होंने कहा है, 'पुलिस की सहानुभूति देखिए, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, उन्होंने साहिल को जेल भेज दिया। हम अन्याय के खिलाफ अपनी दलीलों के साथ कहां जाएं?'
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क़मर वहीद नक़वी
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