आईपीएस रेणुका मिश्रा
परीक्षा रद्द होने के बाद भर्ती बोर्ड की आंतरिक मूल्यांकन समिति अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाई है और न ही कोई एफआईआर दर्ज की गई है। ऐसे में सिर्फ रेणुका मिश्रा को हटाने की कार्रवाई तमाम सवाल खड़े कर रही है। हालांकि यूपी के पुलिस अफसरों में रेणुका मिश्रा साफ सुथरी छवि की मानी जाती हैं। इससे पहले उन्हें लेकर कोई विवाद सामने नहीं आया।
17 और 18 फरवरी को यूपी में आयोजित परीक्षा में 48 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था । सरकार के एक हालिया आधिकारिक बयान के अनुसार, छह महीने के भीतर पुन: परीक्षा होगी, जिसमें यूपीएसआरटीसी बसें उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्रों तक मुफ्त यात्रा देंगी।