लखनऊ में एससी-एसटी वर्ग के लोगं का प्रदर्शन
कोर्ट के फैसले में 1 जून 2020 और 5 जनवरी 2022 को जारी चयन सूची को रद्द कर दिया गया है और राज्य को नियमानुसार तीन महीने के भीतर नई सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है। यह फैसला राज्य सरकार के लिए एक बड़ा झटका है और पिछली सूचियों के आधार पर पहले से कार्यरत शिक्षकों की नौकरी की सुरक्षा के बारे में चिंता पैदा करने वाला है।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि नई चयन सूची में 1981 के नियम और 1994 के आरक्षण अधिनियम के तहत आरक्षण नीति का पालन किया जाना चाहिए। अदालत ने इन निर्देशों के अनुरूप सिंगल जज के आदेश और निर्देशों को भी बदल दिया। यह मामला 69,000 प्राथमिक सहायक शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण गड़बड़ियों से संबंधित मुद्दों को प्रकाश में लाया था।