महिला टीचर तृप्ता त्यागी
मुजफ्फरनगर की महिला टीचर अपने बचाव में मीडिया के सामने आई हैं। उन्होंने अपना नाम तृप्ता त्यागी बताया है। एक वायरल वीडियो में छात्रों से अपने मुस्लिम सहपाठी को थप्पड़ मारने के लिए कहती देखी टीचर तृप्ता त्यागी ने शनिवार को अपनी कार्रवाई को उचित ठहराया और कहा कि यह एक "मामूली मुद्दा" है। बहरहाल, इस घटना से देश में बड़े पैमाने पर हंगामा मच गया है।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक तृप्ता त्यागी ने इस बात से इनकार किया कि उनकी कार्रवाई सांप्रदायिक प्रकृति की थी। तृप्ता ने कहा कि उन्होंने कुछ छात्रों से उस छात्र को थप्पड़ मारने के लिए कहा क्योंकि लड़का अपना होमवर्क नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा, "बच्चे के माता-पिता पर उसके साथ सख्ती बरतने का दबाव था। मैं विकलांग हूं, इसलिए मैंने कुछ छात्रों से उसे थप्पड़ मारने को कहा ताकि वह अपना होमवर्क करना शुरू कर दे।"
उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे प्रकरण को सांप्रदायिक रंग देने के लिए वीडियो को संपादित किया गया। उन्होंने वीडियो में एक समुदाय के खिलाफ इस्तेमाल किए गए आपत्तिजनक शब्दों का जिक्र करते हुए कहा, "बच्चे का चचेरा भाई कक्षा में बैठा था। वीडियो उसके द्वारा रिकॉर्ड किया गया था जिसे बाद में बिगाड़ दिया गया।"
त्यागी ने कहा कि यह एक "मामूली मुद्दा" था जिसे वीडियो क्लिप के वायरल होने के बाद बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था। उन्होंने कहा, "यह मेरा इरादा नहीं था। मैं अपनी गलती स्वीकार कर रही हूं, लेकिन इसे बेवजह एक बड़ा मुद्दा बना दिया गया।" उन्होंने कहा, "मैं राजनेताओं को बताना चाहती हूं कि यह एक छोटा सा मुद्दा था। राहुल गांधी समेत नेताओं ने ट्वीट किया है, लेकिन यह इतनी बड़ी बात नहीं थी कि इस पर ट्वीट किया जाए। अगर रोजाना इस तरह के मुद्दे वायरल किए जाएंगे तो शिक्षक कैसे पढ़ाएंगे।"
डीएम ने कहा कि बच्चे और उसके माता-पिता की बाल कल्याण समिति ने काउंसलिंग की है। बच्चे के पिता ने शनिवार को कहा, "मेरा बेटा 7 साल का है। यह घटना 24 अगस्त को हुई। टीचर ने छात्रों से मेरे बच्चे को बार-बार पिटवाया। मेरे बेटे को एक या दो घंटे तक प्रताड़ित किया गया। वह डरा हुआ है।" लड़के के पिता ने शुक्रवार को कहा था कि वह स्कूल के खिलाफ केस दर्ज नहीं कराएंगे, लेकिन उन्होंने अपने बच्चे को अब इस स्कूल में नहीं भेजने का फैसला किया है।