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मुसलिम होने का ढोंग कर शख्स ने श्रद्धा की हत्या को जायज क्यों ठहराया?

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आज एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जिसने खुद को मुसलिम बताते हुए पहले श्रद्धा वालकर की हत्या को जायज ठहराया था। पहले सोशल मीडिया पर ख़ूब साझा किए गए एक वायरल वीडियो में उस शख्स को आफताब अमीन पूनावाला का समर्थन करते हुए सुना जा सकता है। आफताब ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की बेरहमी से हत्या कर दी थी और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे। उस वीडियो में खुद को राशिद ख़ान बताने वाला शख्स यह कहते सुना जा सकता है कि 'मूड ख़राब हो तो 35 क्या 36 टुकड़े भी कर देता है आदमी।' वह कहता है कि उसके साथ भी कुछ वैसा होगा तो वह 35 टुकड़ों में काट देगा। 

इसी शख्स को अब पुलिस ने गिरफ़्तार किया है और चौंकाने वाला दावा किया है। बुलंदशहर पुलिस का कहना है कि वह शख्स राशिद ख़ान नहीं, बल्कि विकास कुमार है।

पुलिस के अनुसार बुलंदशहर ज़िले के सिकंदराबाद निवासी विकास कुमार ने सनसनीखेज हत्याकांड पर दिल्ली में एक संवाददाता से बात करते हुए राशिद खान होने का ढोंग किया। रिपोर्ट के अनुसार बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने कहा, 'विकास का एक आपराधिक रिकॉर्ड है, उसके ख़िलाफ़ बुलंदशहर और नोएडा में चोरी और अवैध हथियार रखने के मामले दर्ज हैं।'

अपनी गिरफ्तारी के बाद उसने कहा कि उसे नहीं पता था कि यह इतना वायरल होगा, नहीं तो वह ऐसा नहीं करता। जब उससे पूछा गया कि क्या उसे अपने किए पर पछतावा है, तो उसने कहा, 'मुझे डर है कि मुझे यहाँ या जेल में मार दिया जाएगा।'

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उसके इस खुलासे से पहले कि वह वास्तव में राशिद ख़ान नहीं विकास कुमार है, सोशल मीडिया पर दक्षिणपंथी विचार वाले लोगों ने उस वीडियो को जमकर साझा किया था। उन्होंने संकेतों में मुसलिमों की सोच को ज़िम्मेदार ठहराया था। चार दिन पहले प्रीति गांधी ने उस वीडियो को साझा करते हुए लिखा था, 'मिलिए बुलंदशहर के राशिद ख़ान से। उनका दृढ़ विश्वास है कि आफताब के लिए श्रद्धा के 35 टुकड़े करना बिल्कुल सामान्य बात है। हम कहाँ जा रहे हैं?' 

योगेश मिश्रा नाम के यूज़र ने लिखा था, 'आफताब का रिकॉर्ड तोड़ डालेगा राशिद! क्रूरता के लिए वो पूरे कॉन्फिडेंस में है। ये सोच डालता कौन है?'
चांदनी साहू नाम की यूज़र ने लिखा, 'कुछ शब्द ही नहीं बचा...।'
प्रिवेश पांडे नाम के यूज़र ने लिखा है, 'देश के भीतरी भाग में ऐसी मानसिकता के खिलाफ कौन लड़ेगा?'

बता दें कि श्रद्धा वालकर की हत्या 18 मई को हुई थी। आफ़ताब ने इस हत्या को राज रखने का पूरा प्रयास किया, काफ़ी समय तक वह इसमें कामयाब भी रहा। आरोपी आफताब शव को 35 टुकड़े कर शवों को कुछ दिनों में ही ठिकाने भी लगा चुका था। चूँकि श्रद्धा घर छोड़कर भागी थी तो घर वाले संपर्क में थे नहीं। श्रद्धा के सोशल मीडिया खाते से आरोपी पोस्टें डालता रहा, उसके फोन से उसके दोस्तों को टेक्स्ट मैसेज भेज रहा था ताकि उनके जानने वालों को उसके लापता होने का पता न चल पाए और हत्या का राज न खुल जाए। यहाँ तक कि आरोपी ने अक्टूबर महीने में पुलिस से यह तक कह दिया था कि श्रद्धा 22 मई को ही लड़ाई के बाद घर छोड़कर चली गई थी। 

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क़मर वहीद नक़वी
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