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फाइल फोटो

पोस्टर लगा अखिलेश को भावी प्रधानमंत्री क्यों बताया जा रहा? 

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा है। विवाद की शुरुआत मध्यप्रदेश में सीटों के बंटवारा पर सहमति नहीं बनने से हुई। बाद में विवाद यूपी की राजनीति तक पहुंचा। अब सपा नेताओं द्वारा अखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री बताया जाने लगा है। 
समाजवादी पार्टी के लखनऊ स्थित मुख्यालय के बाहर लगे पोस्टर में अखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री बताया गया है। यह पोस्टर सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने लगाया है। 
इस पोस्टर ने यूपी की राजनीति को गर्म कर दिया है। माना जा रहा है कि इस तरह से लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन के अहम सहयोगी सपा द्वारा इस तरह के पोस्टर कांग्रेस और सपा के बीच और भी दूरिया ला सकते हैं।  
सपा  मुख्यालय के बाहर लगा यह पोस्टर चर्चा का केंद्र बना हुआ है और विभिन्न नेताओं द्वारा इस पर बयान दिये जा रहे हैं। 
इस पोस्टर के साथ ही सपा कार्यालय के बाहर लगा एक होर्डिंग लोगों का ध्यान खीच रहा है। इसमें लिखा है कि 'बदला है यूपी बदलेंगे देश' इस पोस्टर के जरिये भी सपा बड़ा राजनैतिक संदेश देने की कोशिश कर रही है। इसके जरिये भी लोकसभा चुनाव की तैयारी तेज होने का संदेश दिया गया है। 
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 खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है सपा 

सपा इन दिनों लगातार उत्तर प्रदेश में खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। लोकसभा चुनाव अभियान में उतरने से पहले सपा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का काम अखिलेश यादव भी कर रहे हैं। इन दिनों बूथ, सेक्टर और जोन प्रभारियों से सीधे संवाद कर अखिलेश संगठन को धार देने में जुटे हैं।
इन सब के बीच अखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री बताने वाला पोस्टर सामने आने के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच चल रहा कलह अब खुल कर सामने आ रहा है। 

दोनों पार्टियों के बीच जमकर बयानबाजी पहले भी हो चुकी है। सोशल मीडिया पर चल रही राजनैतिक जंग के बीच सपा का नया पोस्टर इंडिया गठबंधन पर दबाव की राजनीति का काम कर रहा है। 

राजनैतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि सपा अब कांग्रेस पर लगातार दबाव बना रही है। यह इस बात का संकेत भी हो सकता है कि अगर सपा की मांगे नहीं मानी गई तो वह इंडिया गठबंधन से अलग हो सकती है।
 ऐसी स्थिति में भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में जीत की राह कम से कम यूपी में आसान हो जायेगी। कांग्रेस से मनमुटाव के बीच सपा प्लान बी के तहत अकेले दम पर लोकसभा चुनाव में जाने का फैसला ले सकती है। हाल के दिनों में अखिलेश समेत अन्य सपा नेताओं के बयान इस बात का इशारा करते हैं। 

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 इंडिया गठबंधन में फूट पड़ने की आशंका 

माना जा रहा है कि यही हाल रहा तो इंडिया गठबंधन के लिए आने वाले दिनों में स्थितियां खराब हो सकती हैं। इंडिया गठबंधन ने अब तक किसी नेता को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। इनके बीच पूर्व में सहमति भी बनी है कि किसी नेता को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बताना है। 
फिर ऐसे में सपा द्वारा अखिलेश को प्रधानमंत्री बताये जाने से इंडिया गठबंधन में फूट पड़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। 
राजनैतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि सपा की यह धारणा हो सकती है कि यूपी में कांग्रेस का कोई बड़ा जनाधार या वोट बैंक नहीं है। ऐसे में कांग्रेस से गठबंधन करने से सपा को बहुत ज्यादा फायदा होने की उम्मीद नहीं दिखती है। 
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इन दिनों कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयान से भी नाराज बताये जा रहे हैं। ये पोस्टर सपा ने भले ही आधिकारिक तौर पर नहीं लगाये हैं लेकिन जिन लोगों ने इसे लगाया है उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का मूड भांप कर ही लगाया होगा यह तो तय माना जा रहा है। 

ओपी राजभर ने कहा कि ये हंसी के पात्र बनते जा रहे हैं

सपा मुख्यालय के बाहर लगाये गये इस पोस्टर पर सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि हर नेता का सपना होता है कि सीएम बने तो पीएम भी बन जाएं। पीएम बनने का सपना देखना बुरी बात नहीं है लेकिन उसके लिए काम करना पड़ता है जो इन्होंने नहीं किया है। ओपी राजभर ने कहा कि ये हंसी के पात्र बनते जा रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन चलने वाला नहीं है क्योंकि अलग-अलग विचारों के लोग एकत्रित हुए हैं। सब परेशान हैं, सबको सीटों की बहुत ख्वाहिश है इसी वजह से ये आपस में लड़ रहे हैं।  
दूसरी तरफ सपा द्वाराअखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री बताते हुए पोस्टर लगाए जाने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि यह कोई मुद्दा नहीं है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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