उत्तर प्रदेश में पहले दो चरण का मतदान हो चुका है। इस दौरान चुनाव में बीजेपी ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की पुरजोर कोशिश की लेकिन वो कामयाब होती नहीं हो पाई। दूसरे चरण के मतदान से एक दिन पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘गज़वा-ए-हिंद’, ‘तालिबानी सोच’ और ‘शरीयत बनाम संविधान’ जैसे मुद्दे उठाकर ध्रुवीकरण की एक और कोशिश की।
गजवा-ए- हिंद : योगी की ध्रुवीकरण की एक और कोशिश नाकाम?
- उत्तर प्रदेश
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- 15 Feb, 2022

योगी आदित्यनाथ की कोशिश उत्तर प्रदेश के चुनाव में ध्रुवीकरण करने की है और ध्रुवीकरण की मंशा वाले उनके तमाम बयान आए हैं। लेकिन इन बयानों का क्या कोई असर मतदाताओं पर पड़ा है?
मतदान के दिन तमाम टीवी चैनलों पर उनका इंटरव्यू चला। इसमें योगी ने ‘अस्सी बनाम बीस’ की लड़ाई वाले अपने पसंदीदा एजेंडे को फिर से आगे बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन सफाई के साथ। इन तमाम कोशिशों के बावजूद मतदान पर इन मुद्दों का कोई असर नहीं दिखा।
दरअसल पहले दो चरणों का मतदान बीजेपी के लिए अपनी सत्ता बचाने के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण था। दोनों चरणों में कुल 113 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ है। पिछले चुनाव में बीजेपी ने इनमें से 91 सीटें जीती थी। दो चरणों में जिन 20 ज़िलों में मतदान हुआ है उनमें से ज्यादातर मुसलिम बहुल हैं।