loader
फ़ोटो साभार: ट्विटर/आईएनसी टीवी

महंत नरेंद्र गिरि मौत: न्यायिक जाँच की मांग; योगी बोले- दोषी को सज़ा मिलेगी

महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की सीबीआई जाँच और न्यायिक जाँच की मांगों के बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दोषी बख्शा नहीं जाएगा। वह प्रयागराज के बाघम्बरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुँचे थे। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि पुलिस ने कई सबूत इकट्ठा किए हैं, पुलिस की एक टीम, एडीजी जोन, आईजी रेंज और डीआईजी प्रयागराज, मंडल आयुक्त प्रयागराज एक साथ मिलकर इसकी जाँच में लगे हैं।

इसके साथ ही योगी ने यह भी कहा कि कल पांच सदस्यीय टीम उनके पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम करेगी, उसके बाद धर्मिक रीति के अनुसार समाधि का कार्यक्रम होगा।

ताज़ा ख़बरें

बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरि सोमवार को प्रयागराज में मृत पाए गए थे। वह भारत में साधुओं के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे। इस मामले में एफ़आईआर दर्ज कर उनके क़रीबी शिष्य आनंद गिरी को गिरफ़्तार किया गया है। दो अन्य शिष्यों को हिरासत में लिया गया है। घटना की जगह से कथित तौर पर एक सुसाइड नोट भी मिला है। एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रयागराज के पुलिस प्रमुख केपी सिंह ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था, 'हम नोट पढ़ रहे हैं। उन्होंने व्यक्त किया कि वह परेशान थे। उन्होंने वसीयत के रूप में यह भी लिखा है कि उनके निधन के बाद आश्रम में क्या किया जाना चाहिए।' पुलिस ने कहा है कि उन्होंने नोट में अपने शिष्यों को विभिन्न जिम्मेदारियाँ भी सौंपीं।

इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को महंत नरेंद्र गिरी की मौत की उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग की। 

शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में हिंदुत्व का गला घोंट दिया गया है। उन्होंने महंत नरेंद्र गिरी की मौत की सीबीआई जांच की मांग की है। 

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें
उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री (एमएसएमई) सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार त्वरित और सख्त कार्रवाई कर रही है और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें