loader
फ़ोटो साभार: ट्विटर/वीडियो ग्रैब

चमोली: 28 शव मिले, 150 लोग लापता, राहत और बचाव का काम जारी

उत्तराखंड के चमोली ज़िले में रविवार को ग्लेशियर टूटने से तबाही हुई है। राहत और बचाव कार्य में जुटी आईटीबीपी ने कहा है कि अब तक 28 शव मिले हैं और क़रीब 150 लोग लापता हैं। बता दें कि ग्लेशियटर टूटने से तपोवन बैराज पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। ऋषि गंगा नदी पर बना ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट के डैम का एक हिस्सा टूट गया है। आसपास के क्षेत्रों को खाली करा लिया गया है। राहत और बचाव कार्य जारी है। 

ताज़ा ख़बरें

यह दुर्घटना जोशीमठ से मलारी की ओर क़रीब 20 किलोमीटर पर घटी। घटना सुबह क़रीब 10 बजे हुई है। राज्य में आपदा से निपटने वाली एसडीआरएफ़ की 10 टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं। आईटीबीपी के 200 जवान भी राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। सेना के जवानों को भी बचाव कार्य में लगाया गया है। बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ़ टीमें भी पहुँच चुकी हैं।

एसडीआरएफ़ की सीईओ रिद्धिमा अग्रवाल ने कहा है, 'पानी के तेज़ बहाव में ऋषि गंगा और धौलीगं गा प्रोजेक्ट के क़रीब 150 लोगों के लापता होने की ख़बर है। पावर प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने प्रशासन से कहा है कि क़रीब 150 लोगों का पता नहीं चल पा रहा है। बचाव टीम को लोगों को निकालने के लिए निर्देश दिए गए हैं।'

ग्लेशियर टूटने के कारण अलकनंदा और धौली गंगा उफान पर है। किसी स्थिति से बचाव के लिए श्रीनगर गढ़वाल धारी देवी मंदिर परिसर पुलिस प्रशासन ने खाली करवा दिया है। हरिद्वार तक अलर्ट जारी किया गया है। पानी के तेज बहाव के मद्देनजर कीर्ति नगर, देवप्रयाग, मुनि की रेती इलाक़ों को अलर्ट पर रहने को कहा गया। 
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि उन्होंने उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के सम्बंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, आईटीबीपी के डीजी और व एनडीआरएफ़ के डीजी से बात की है।
उन्होंने कहा है कि सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा है कि वह निरंतर स्थिति पर नज़र रख रहे हैं। 
इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा है कि राहत की ख़बर यह है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंद नदी का बहाव सामान्य हो गया है। उन्होंने कहा है कि नदी का जलस्तर अब सामान्य से एक मीटर ऊपर है और बहाव भी कम होता जा रहा है। 
चमोली पुलिस ने राहत और बचाव कार्य जारी होने की जानकारी दी है और इसका वीडियो ट्वीट किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उस वीडियो को ट्वीट किया है। 

सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी

मुख्यमंत्री रावत ने कहा है कि वह घटनास्थल के लिए रवाना हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने आग्रह किया कहा है कि कोई भी पुराने वीडियो को शेयर कर डर न फैलाएँ। उन्होंने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फँसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की ज़रूरत है तो आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क कर सकते हैं।

उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद हुए हादसे की पीएम मोदी ने समीक्षा की और वहाँ के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से बातचीत की। आज असम में जनसभा को संबोधन करने वावे पीएम मोदी ने सीएम को हर संभव मदद का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है।

उन्होंने कहा कि पूरा देश वहाँ सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में भी कहा कि वह लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं।

अभी तक सरकारी तौर पर नुक़सान की पुष्टि नहीं हो पाई है। लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि चमोली ज़िले से एक आपदा का समाचार मिला है। सरकार सभी ज़रूरी क़दम उठा रही है।
सरकार ने कहा है कि किसी भी प्रकार की अफ़वाहों पर ध्यान नहीं दें। इस घटना को लेकर वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी ने भी इसको लेकर ट्वीट किया है। 
सोशल मीडिया पर इस ग्लेशियर टूटने का वीडियो होने का दावा करते हुए कहा गया है कि 'वीडियो ग्लेशियर के टूटने के बाद चमोली की ऋषिगंगा नदी में बाढ़ का है। रेस्क्यू टीम रवाना हुई। नदी के किनारे रहने वाले कुछ लोग ख़तरे में पड़ सकते हैं।'

पौड़ी गढ़वाल पुलिस ने ट्वीट किया है कि आम जनमानस को सूचित किया जाता है कि तपोवन रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी क्षति पहुंची है, जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिस कारण अलकनंदा नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है जल्दी से जल्दी सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित स्थानों पर चले जाएँ।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तराखंड से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें