हुसैन साहब से जब बात करते हैं तो वे लगने ही नहीं देते हैं कि आप दुनिया के किसी बहुत बड़े पेंटर से मुखातिब हैं ! ऐसा महसूस कराते हैं जैसे किसी पहुँचे हुए मिस्टिक, सूफ़ी-संत की रूहानी तक़रीर में आप खोए हुए हैं ! या फिर यूरोप के किसी बड़े फ़िल्म मेकर से उसकी नई फ़िल्म की स्क्रिप्ट सुन रहे हैं ! या कोई बड़ा लातानी अमेरिकी कवि कंदील की लौ में अपनी नई रचना का धीमे-धीमे स्वरों में पाठ कर रहा है। तभी अचानक से बताने लगते हैं कैसे दोस्तों ने उन्हें मरा हुआ समझ लिया था और वे पुनर्जीवित हो गए ! हुसैन साहब बोलते रहते हैं ,आप चुपचाप रहते हैं। वे सवाल पूछने वाले की तरफ़ देखते ही नहीं!
भारत के कल्चर का एसेंस है सेलिब्रेशन : एमएफ हुसैन
- विविध
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- 29 Mar, 2025
विश्व विख्यात पेंटर मकबूल फिदा हुसैन का कल मंगलवार 17 सितंबर को जन्मदिन था। जाने-माने पत्रकार श्रवण गर्ग ने एमएफ हुसैन के साथ एक यादगारी बातचीत को सत्य हिन्दी के लिए लिखा है। यह बातचीत किश्तों में आएगी। हुसैन साहब को समर्पित संस्मरण का दूसरा हिस्सा पेश हैः

‘Through the Eyes of a Painter’ फ़िल्म के दृश्य में महान पेंटर मकबूल फिदा हुसैन