इस बार का त्रिवेणी नाट्य समारोह अब अपने उत्तरार्ध की ओर है। इसमें कई तरह के नाटक हो रहे हैं जिसकी वजह से इसमें विविधता और रोचकता भी बनी हुई है। इस समारोह में हुआ ताजा नाटक है `बुड्ढा मर गया’ जिसके निर्देशक हैं दिनेश अहलावत। नाम की वजह से कुछ लोगों को भ्रम हो सकता है इसलिए बता दिया जाए कि ये बंगाली नाटककार मनोज मित्र के `शाजानो बागान’ का सांत्वना निगम द्वारा किया गया हिंदी अनुवाद है। और लगे हाथ ये बताना भी जरूरी होगा कि हिंदी में इसे `बगिया बांछाराम की’ नाम से कई बार खेला गया है और इसकी कई लोकप्रिय प्रस्तुतियां अलग अलग निर्देशकों द्वारा हो चुकी हैं। बंगाली में तपन सिन्हा इस पर `बांछारामेर बागान’ नाम से एक फिल्म भी बना चुके हैं।
बगिया का लालच!
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- 28 Mar, 2025

त्रिवेणी नाट्य समारोह में बहुचर्चित नाटक ‘बुड्ढा मर गया’ का मंचन हुआ। शानदार प्रस्तुति, गहरे सामाजिक संदेश और सशक्त अभिनय ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
`बगिया बाछाराम की’ एक जबर्दस्त कॉमेडी है और इसका नया रूप `बुड्ढा मर गया’ भी हंसी- मजाक से लबालब हैं। वैसे दिनेश अहलावत खुद उन निर्देशकों में हैं जो दिल्ली में कॉमेडी के लिए चर्चित रहे हैं। वे क़ॉमेडी का एक समारोह भी करते हैं। उनके पास अच्छे अभिनेताओं की एक टोली है जो कॉमेडी के लिए जरूरी है। दिनेश खुद भी अभिनय करते हैं। इसमें भी उन्होंने निर्देशन के साथ साथ अभिनय किया है।