इस बार का त्रिवेणी नाट्य समारोह अब अपने उत्तरार्ध की ओर है। इसमें कई तरह के नाटक हो रहे हैं जिसकी वजह से इसमें विविधता और रोचकता भी बनी हुई है। इस समारोह में हुआ ताजा नाटक है `बुड्ढा मर गया’ जिसके निर्देशक हैं दिनेश अहलावत। नाम की वजह से कुछ लोगों को भ्रम हो सकता है इसलिए बता दिया जाए कि ये बंगाली नाटककार मनोज मित्र के `शाजानो बागान’ का सांत्वना निगम द्वारा किया गया हिंदी अनुवाद है। और लगे हाथ ये बताना भी जरूरी होगा कि हिंदी में इसे `बगिया बांछाराम की’ नाम से कई बार खेला गया  है और इसकी कई लोकप्रिय प्रस्तुतियां अलग अलग निर्देशकों द्वारा हो चुकी हैं। बंगाली में तपन सिन्हा इस पर `बांछारामेर बागान’ नाम से एक फिल्म भी बना चुके हैं।