उस्ताद ज़ाकिर हुसैन ने जब तबले पर थाप दिया तो दिल्ली का कमानी ऑडिटोरियम ठहाकों से गूंज उठा। तबला सुनते समय हँसने की क्या बात हो सकती है? लेकिन ज़ाकिर हुसैन यह करतब कर दिखाते हैं। इसका कारण ये है कि वो सिर्फ़ तबला नहीं बजाते, वो एक ज़बरदस्त किस्सागो भी हैं। छोटी छोटी कहानियाँ और माहौल को हल्का कर देने वाले उनके चुटकुले उनके तबले से भी निकलते हैं!