सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर ज़्यादा नाराज़गी तो नहीं है, लेकिन कुछ विरोधाभास की बातें कही जा रही हैं। मिसाल के तौर पर फ़ैसले में कहा गया मंदिर तोड़कर मसजिद बनाए जाने की पुष्टि नहीं और मसजिद में मूर्ति रखना ग़लत। तो फिर फ़ैसला इससे अलग क्यों? सत्य हिंदी पर शैलेश की रिपोर्ट।