कश्मीर के तीन फ़ोटो पत्रकारों को पत्रकारिता का नोबेल जैसा पुरस्कार मिला। बीजेपी और सरकार ने बधाई नहीं दी, उलटे देशद्रोही बता दिया! क्यों?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।