दिल्ली चुनाव में एक हफ़्ते का समय बाक़ी है। बीजेपी साम्प्रदायिक एजेंडे पर क्यों उतर आई है? शाहीन बाग़ को चुनावी मुद्दा क्यों बना रही है? बीजेपी नेता क्यों आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं? ऐसा क्यों हो रहा है? क्या केजरीवाल के विकास के चुनावी मुद्दे से बीजेपी का निपटना मुश्किल हो रहा है? देखिए आशुतोष की बात।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।