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तबाहियों के दु:स्वप्न

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  • शीतल पी. सिंह
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  • 25 Apr, 2020
“डिस्टोपिया”,मनुष्य के ऐसे दु:स्वप्न जो महामारियों युद्धों और विषाद से जन्मते हैं ।जिनके प्रभाव से दानिश्वर भविष्य के ऐसे देश समाज की कल्पना करते हैं जो आपके मनमष्तिष्क को अवसाद से भर सकती है ! जार्ज आरवेल का “1984”और जोस सरामागो के “द ब्लाइंडनेस”को लोग आजकल क्यों ढूँढकर पढ़ रहे हैं ? राजू शर्मा (Rtd IAS)से शीतल पी सिंह ने पूछा
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