एक राष्ट्र एक चुनाव: योगेंद्र यादव क्यों बड़ा ख़तरा मानते हैं?
योगेन्द्र यादव बेख़ौफ़ बोलते हैं । एक राष्ट्र एक चुनाव को वो क्यों एक बड़ा ख़तरा मानते हैं भारतीय संसदीय प्रणाली के लिये ? वो क्यों कहते हैं कि ये नोटबंदी जैसा बर्बाद फ़ैसला है ? सरकार के विकास के दावे में कितना दम है ? आशुतोष ने उनसे की बेबाक़ बातचीत और जाना क्या वाक़ई देश को एक राष्ट्र, एक चुनाव की ज़रूरत है ?