सरकार ने तालिबान पर सर्वदलीय बैठक बुलायी । सरकार दुविधा में । क्या करे, क्या न करे ? तालिबान को मान्यता दे या न दे ? आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद शर्मा, स्मिता शर्मा, धनंजय त्रिपाठी, अनोहिता मजूमदार और आलोक जोशी ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।