नीतीश लगातार अलोकप्रिय हो रहे हैं। बीजेपी ने अपने पोस्टर में नीतीश को जगह नहीं दी। तो क्या बीजेपी के लिये नीतीश बोझ हो गये हैं ? आशुतोष के साथ चर्चा में नीरजा चौधरी, शरत प्रधान, सतीश के सिंह और आलोक जोशी ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।