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मज़दूरों को कीड़ा-मकोड़ा समझती है सरकार

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  • शीतल पी. सिंह
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  • 21 Apr, 2020
गृहमंत्रालय के एक आदेश ने करोड़ों प्रवासी मज़दूरों को दासयुग में पहुँचा दिया है । अब वे अपनी मर्ज़ी के मालिक नहीं रहे बल्कि उन पर केंद्रीय गृहमंत्रालय का अधिकार हो गया है । वे जिन राज्यों में लॉकडाउन में निरुद्ध किये गये हैं वहाँ से बाहर निकल कर अपने घर न जा सकेंगे । अगर वे स्वस्थ हैं तो उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित उद्योग में काम करना पड़ेगा और इसकी मज़दूरी क्या होगी कैसे मिलेगी कौन देगा ? यह सब अस्पष्ट है । रिटायर्ड आईएएस अफ़सर राजू शर्मा से इस आदेश की वैधता पर सवाल कर रहे हैं शीतल पी सिंह
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