दिल्ली हाईकोर्ट में पुलिस का एफिडेविट पुलिस की पोल खोलता है। और इस प्रचार को गलत बताता है कि फ़साद हिंदू विरोधी था। मुस्लिमों को कई गुना ज़्यादा नुक़सान हुआ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।