राममंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को । बीजेपी मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश में लेकिन इंडिया गठबंधन क्यों उतारू हैं आत्महत्या पर ? क्यों उसके नेता बार बार राममंदिर पर बेतुकी टिप्पणी कर रहे है ?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।