क्या ट्रोल के जरिए सुप्रीम कोर्ट को डराने की कोशिश?
मणिपुर पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी से नाराज़ हिन्दुत्ववादी । सोशल मीडिया पर ज़बर्दस्त ट्रोलिंग । गाली गलौज वाली भाषा । क्या ये सुप्रीम कोर्ट के डराने की कोशिश है ? क्या ये न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला है ? क्या ये फ़ैसले को प्रभावित करने की साज़िश है ?