बीजेपी राहुल पर हमला करने का कोई मौक़ा नहीं खोती । वैसे वो राहुल को नासमझ कैजुअल मौसमी नेता कहती है । अगर राहुल में दम नहीं है तो इतना डिस्क्रेडिट करने की ज़रूरत क्यों हैं ? क्या राहुल से नफ़रत है या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।