ज़ब देश में एक दिन में एक लाख कोरोना केस हो रहे हैं, अर्थव्यवस्था रसातल में जा चुकी हो और चीन मातृभूमि पर कब्जा किये बैठा हो तब कंगना की चर्चा एक बहुत बडे ख़तरे की घंटी है । आशुतोष के साथ चर्चा में उर्मिलेश, आलोक जोशी, विजय त्रिवेदी।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।