कंगना में इतनी हिम्मत कि ठाकरे को ललकार सके ?
मुंबई में तीन महीनों से जो नाटक चल रहा है वो अनायास है या सोची समझी पटकथा ? कंगना में इतनी हिम्मत कहाँ से आयी कि वो ठाकरे से तू तड़ाक करे । षड्यंत्र गहरा है ? आशुतोष के साथ चर्चा में विजय त्रिवेदी, विनोद कापडी, विनोद अग्निहोत्री।