अडानी मामले में पहली बार बोली मोदी सरकार । लेकिन अभी भी चुप है प्रधानमंत्री मोदी ? विपक्ष फिर हमलावर । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अड़ानी अलग थलग पडे । क्या होगा असर इस संकट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर ? क्या सरकार ने अड़ानी को अकेला छोड़ दिया ?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।