भारत जोड़ों यात्रा 30 जनवरी को खत्म हो रही है । योगेन्द्र यादव ने पूरी यात्रा चली है । क्या है इस यात्रा का मक़सद ? क्या यात्रा ने राहुल की छवि को बदली है ? क्या ये यात्रा देश की राजनीति को बदल रही है ? क्यों ये यात्रा ज़रूरी थी ? आशुतोष ने योगेन्द्र से विस्तार से बात की ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।