शेक्सपियर इन लव (1998) जैसी मशहूर और ऑस्कर विजेता फ़िल्म का स्क्रीनप्ले लिखने वाले विख्यात ब्रिटिश नाटककार सर टॉम स्टॉपार्ड का मानना है कि ‘अगर आपका मक़सद दुनिया बदलना है, तो पत्रकारिता एक ऐसा हथियार है जो तुरंत असर दिखा सकता है।’
कुंभ के आयोजन के लिए काश नेहरू से सीखती सरकार!
- विमर्श
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- 2 Feb, 2025

प्रयागराज कुंभ में योगी सरकार के प्रबंधन की कमियाँ सामने आई हैं। जानें कैसे नेहरू जी के तरीकों से सरकार को सीखना चाहिए।
लेकिन इसके विपरीत यह बात भी उतनी ही सच है कि अगर दुनिया को बर्बाद करना है और ‘नागरिकों’ को ‘गुलामों’ में तब्दील करना है, राष्ट्र को ‘व्यक्ति पूजा’ का भौगोलिक ढांचा बनाकर छोड़ना है, विविधता को एकरूपता के भद्दे स्वरूप में बदलना है और बड़ी संख्या में वैचारिक ज़ॉम्बी बनाने हैं तो मीडिया सचमुच एक ऐसा सरकारी और सत्ताउन्मुख हथियार है जो तुरंत अपना बुरा असर दिखा सकता है।
भारत इन दिनों ऐसे ही मीडिया के बीच कसमसा रहा है। बुधवार यानी 29 जनवरी, आधी रात के बाद जो भगदड़ की दुर्घटना महाकुंभ स्थल, इलाहाबाद (प्रयागराज) में घटी वह बेहद डराने वाली है। यह डर सिर्फ़ घटना के घट जाने से और उसमें हुई श्रद्धालुओं की मौतों से ही नहीं है बल्कि इस डर का ज़्यादा संबंध सता और प्रशासन के उस रवैये से जुड़ा हुआ है जो दुर्घटना के बाद सामने आई है।