भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार गुप्ता ने रविवार को ईसीआई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरा टाइम वोट चोरी पर नेता विपक्ष राहुल गांधी के सवालों का जवाब देते बिताया। लेकिन राहुल गांधी का नाम लिए बिना यह धमकी भी दी कि या तो 7 दिनों में हलफनामा दो या फिर देश के मतदाताओं से माफी मांगो। ज्ञानेश कुमार के शब्द थे- "...या तो हलफनामा देना होगा या देश से माफ़ी मांगनी होगी। तीसरा कोई विकल्प नहीं है। अगर 7 दिनों के अंदर हलफनामा नहीं मिलता है, तो इसका मतलब है कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं...। क्या आप मेरे मतदाताओं को झूठा कह रहे हैं? चुनाव आयोग चुप नहीं बैठेगा। अगर सात दिनों के अंदर शपथपत्र नहीं आया तो माफ़ी मांगनी होगी। इसका मतलब है कि वो झूठे हैं और उन्होंने मेरे मतदाताओं को झूठा करार दिया है।"  हालांकि ज्ञानेश कुमार ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि रविवार 17 अगस्त को जब बिहार से राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा शुरू हो रही है तो चुनाव आयोग ने रविवार को ही यह प्रेस कॉनफ्रेंस क्यों रखी।  


ज्ञानेश कुमार गुप्ता ने कहा- "कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं कि SIR की कवायद इतनी जल्दी क्यों की जा रही है? वोटर लिस्ट चुनाव से पहले दुरुस्त होनी चाहिए या बाद में? चुनाव आयोग ये नहीं कह रहा; जनप्रतिनिधित्व कानून कहता है कि आपको हर चुनाव से पहले वोटर लिस्ट दुरुस्त करनी है। ये चुनाव आयोग की क़ानूनी ज़िम्मेदारी है। फिर सवाल उठा कि क्या चुनाव समिति बिहार के सात करोड़ से ज़्यादा वोटरों तक पहुँच पाएगी? सच्चाई ये है कि ये काम 24 जून को शुरू हुआ था। पूरी प्रक्रिया लगभग 20 जुलाई तक पूरी हो गई थी...।" उन्होंने इस सवाल का भी माकूल जवाब नहीं दिया कि बिहार में एसआईआर के लिए इतनी जल्दबाजी क्यों।