दिल्ली विधान सभा के चुनाव के नतीजे का दिन था। संवैधानिक मूल्यों के लिए जीवन भर काम करनेवाले प्रोफ़ेसर उपेन्द्र बक्षी पर केंद्रित कार्यक्रम में भाग लेने घर से निकले थे। भाई वीर सिंह मार्ग पर एक जगह ट्रैफ़िक धीमा हुआ।भारतीय जनता पार्टी के झंडे लिए लोग ढोल बजा रहे थे। “बी जे पी आ गई।”, ड्राइवर ने कहा।” क्या आपको अच्छा लगा? “ मैंने पूछा। ड्राइवर खामोशी से गाड़ी चलाती रही। “कोई आ जाए…”, मेरे दुबारा पूछने पर हल्के से बोली। “बी जे पी तो नफ़रत फैलाती रहती है।”, मैंने कहा। उसने सहमतिपूर्वक इस बात को दुहराया। लेकिन फिर बोली: “कोई आ जाए, हमें क्या!”
आप ने हिंदुत्ववादी वोटर तैयार किए:नतीजा सामने है
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- 29 Mar, 2025

आम आदमी पार्टी पिछले 10 वर्षों से हिन्दुत्व की राजनीति कर रही थी। केजरीवाल एंड कंपनी ने हिंदुत्ववादी नैतिकता की राह हमवार की। हिंसा हुई, बुलडोजर चले। चुप्पी साधी या मौन समर्थन किया। इस राह पर चलते हुए मतदाता ‘आप’ की जगह भाजपा के पास पहुँचे तो ताज्जुब क्यों है। जाने माने स्तंभकार अपूर्वानंद का महत्वपूर्ण विश्लेषणः