दिल्ली विधान सभा के चुनाव के नतीजे का दिन था। संवैधानिक मूल्यों के लिए जीवन भर काम करनेवाले  प्रोफ़ेसर उपेन्द्र बक्षी पर केंद्रित कार्यक्रम में भाग लेने घर से निकले थे। भाई वीर सिंह मार्ग पर एक जगह ट्रैफ़िक धीमा हुआ।भारतीय जनता पार्टी के झंडे लिए लोग ढोल बजा रहे थे। “बी जे पी आ गई।”, ड्राइवर ने कहा।” क्या आपको अच्छा लगा? “ मैंने पूछा। ड्राइवर खामोशी से गाड़ी चलाती रही। “कोई आ जाए…”, मेरे दुबारा पूछने पर हल्के से बोली।  “बी जे पी तो नफ़रत फैलाती रहती है।”, मैंने कहा। उसने सहमतिपूर्वक इस बात को दुहराया। लेकिन फिर बोली: “कोई आ जाए, हमें क्या!”