बिहार के छपरा स्थित जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय के 16 अध्यापकों को विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष ने नाचने के चलते निलंबित कर दिया है। राज्य के सारे विश्वविद्यालयों के कुलाध्यक्ष राज्यपाल हुआ करते हैं। राज भवन ने बतलाया कि शिक्षकों का आचरण उनके पद की मर्यादा के विरुद्ध था। इसलिए उन्हें दंडित किया गया है।
बिहार: अध्यापकों का डांस करना अपराध है, राज्यपाल निलंबित कर देते हैं!
- वक़्त-बेवक़्त
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- 8 Mar, 2021

राजभवन को क्यों एक विश्वविद्यालय के रोज़मर्रा के व्यापार में रुचि लेनी चाहिए? क्यों उसने विश्वविद्यालय की अपनी जाँच को नहीं माना? क्या राजभवन कुलपति को नज़रअंदाज़ करके निर्णय ले सकता है? ले सकता है, वह हमने देखा। सवाल है, क्या उसे ऐसा करना चाहिए?
जाँच समिति के सदस्य निलंबित
पिछले साल बाबू राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के समाप्त हो जाने के बाद बेतकल्लुफाना माहौल में इन अध्यापकों ने एक लोकप्रिय गीत पर नृत्य किया। यह कुलाध्यक्ष को नागवार गुजरा। एक जाँच समिति बिठाई गई। उसने जब इस आरोप को गंभीर नहीं पाया तो समिति के सदस्यों को भी निलंबित कर दिया गया। यानी राजभवन ने पहले ही तय कर लिया था कि आरोप ठीक हैं और इसके लिए अध्यापकों को सजा भी मिलनी चाहिए।